भारतीय इतिहास की भयंकर भूले
Bharatiya Itihas Ki Bhayankar Bhul / भारतीय इतिहास की भयंकर भूले
Author/लेखक: P.N. Oak/ पी. ऐन. ओक
Size of File/साइज़ : 19.1MB
Number Of Pages/प्रष्ठ संख्या : 177
Category/श्रेणी : All Books,Download Free Books, P.N. Oak, India, History
Page Quality/प्रष्ठ गुणवत्ता : Good
Bharatiya Itihas Ki Bhayankar Bhul Download PDF Link
Contents
- 1 Preview
- 2 1. जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
- 3 2. विभाजन की त्रासदी (1947)
- 4 3. आर्यन आक्रमण सिद्धांत
- 5 4. प्लासी का युद्ध (1757)
- 6 5. 1962 का भारत-चीन युद्ध
- 7 6. आपातकाल (1975-1977)
- 8 7. कश्मीर मुद्दा
- 9 8. जल संकट और सिंधु जल समझौता (1960)
- 10 9. अशोक का अहिंसा की ओर मुड़ना
- 11 10. औद्योगिक क्रांति को अपनाने में देरी
- 12 11. जवाहरलाल नेहरू की पंचवर्षीय योजनाएँ
- 13 12. आरक्षण नीति का विस्तार
- 14 13. अयोध्या विवाद और बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992)
- 15 14. हरप्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता का अचानक पतन
- 16 निष्कर्ष:
- 17 भारतीय इतिहास की भयंकर भूले
Preview
भारतीय इतिहास में कई घटनाएँ और फैसले हुए हैं जिन्हें ऐतिहासिक "भूल" कहा जाता है। ये घटनाएँ या तो गलत फैसलों, परिस्थितियों की गलत व्याख्या, या अनपेक्षित परिणामों का परिणाम थीं। नीचे कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण दिया गया है जिन्हें भारतीय इतिहास की "भयंकर भूलें" माना जा सकता है:
1. जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
- जनरल डायर के आदेश पर हजारों निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाई गईं, जो शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे।
- इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को तेज़ कर दिया, लेकिन इसे ब्रिटिश सरकार की ओर से एक भयंकर भूल माना जाता है जिसने भारत में उनकी साख को गिरा दिया।
2. विभाजन की त्रासदी (1947)
- भारत और पाकिस्तान का विभाजन साम्प्रदायिक हिंसा, बड़े पैमाने पर पलायन, और लाखों मौतों का कारण बना।
- इसे गलत योजना और जल्दबाजी में किया गया निर्णय माना गया।
3. आर्यन आक्रमण सिद्धांत
- आर्यन आक्रमण सिद्धांत लंबे समय तक पढ़ाया गया, लेकिन इसे बाद में "आक्रमण" के बजाय "प्रवास" सिद्ध किया गया।
- इतिहास को इस सिद्धांत के आधार पर पुनः व्याख्यायित करना अब तक एक बड़ी चुनौती है।
4. प्लासी का युद्ध (1757)
- नवाब सिराजुद्दौला को मीर जाफर की गद्दारी के कारण हार का सामना करना पड़ा।
- यह भारत में ब्रिटिश राज की शुरुआत का कारण बना, जिसे भारतीय शासकों की एकता की कमी के कारण एक बड़ी ऐतिहासिक भूल माना जाता है।
5. 1962 का भारत-चीन युद्ध
- चीन के साथ बढ़ती सीमा विवादों के बावजूद भारत ने "हिंदी-चीनी भाई-भाई" की नीति अपनाई।
- इसका परिणाम 1962 के युद्ध में भारत की शर्मनाक हार के रूप में सामने आया।
6. आपातकाल (1975-1977)
- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा दाग माना जाता है।
- प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए गए, जिससे जनता का गुस्सा भड़का।
7. कश्मीर मुद्दा
- 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के बाद, कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया (अनुच्छेद 370)।
- यह फैसला लंबे समय तक कश्मीर में तनाव और आतंकवाद की समस्या का कारण बना।
8. जल संकट और सिंधु जल समझौता (1960)
- भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी के जल का समझौता हुआ।
- इस समझौते को कुछ लोग भारत के लिए नुकसानदायक मानते हैं क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में पानी पाकिस्तान को दिया गया।
9. अशोक का अहिंसा की ओर मुड़ना
- अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद अहिंसा और बौद्ध धर्म की ओर रुख किया।
- हालांकि यह एक महान नैतिक निर्णय था, लेकिन इससे मौर्य साम्राज्य की सैन्य शक्ति में गिरावट आई, जिससे उसका पतन शुरू हुआ।
10. औद्योगिक क्रांति को अपनाने में देरी
- भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई, लेकिन इसका लाभ भारतीय उद्योगों को नहीं मिला।
- भारत कृषि पर निर्भर रहा और औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़ गया।
11. जवाहरलाल नेहरू की पंचवर्षीय योजनाएँ
- कुछ लोग मानते हैं कि नेहरू की समाजवादी नीतियों ने भारत के आर्थिक विकास को धीमा कर दिया।
- निजी क्षेत्र और उद्यमिता को बढ़ावा देने में देरी भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती थी।
12. आरक्षण नीति का विस्तार
- आरक्षण नीति को सामाजिक न्याय के लिए शुरू किया गया था, लेकिन इसके विस्तार ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर विवाद पैदा किया।
- यह आज भी एक बड़ा मुद्दा है।
13. अयोध्या विवाद और बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992)
- यह घटना भारत में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का कारण बनी और इसके लंबे समय तक राजनीतिक प्रभाव रहे।
14. हरप्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता का अचानक पतन
- सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारण अभी भी अज्ञात हैं, और इसे इतिहास की एक भयंकर भूल माना जा सकता है कि इस उन्नत सभ्यता को संरक्षित नहीं किया जा सका।
निष्कर्ष:
इतिहास में हुई इन भूलों से यह स्पष्ट होता है कि गलत निर्णय या असावधानी के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इतिहास हमें इन गलतियों से सीखने और भविष्य में बेहतर निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।
भारतीय इतिहास की भयंकर भूले