Matsya Puran/मत्स्य पुराण Part -1,2

Name Of Book: Matsya Puran/मत्स्य पुराण Part -1
Size Of Book/पुस्तक का साइज : 27.1 MB + 25.6MB  = 52.7MB
Number Of Pages/पृष्ठ संख्या : 496+488 = 984
Category/श्रेणी : All Books, DHARM / धर्म, hindu, All Ved Puran Books In Hindi PDF | सभी वेदों पुराणों की पुस्तक हिंदी में
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Language/भाषा: Hindi
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मत्स्य पुराण (Matsya Purana) – भाग 1 और 2

मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है। इसे भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से जोड़ा जाता है, जिसमें वे राजा सत्यव्रत (जो बाद में मनु बने) को प्रलय से बचाने और उन्हें वेदों का ज्ञान देने के लिए मत्स्य (मछली) के रूप में प्रकट हुए थे।

यह पुराण न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों को कवर करता है, बल्कि इसमें इतिहास, भूगोल, वास्तुकला, नीतिशास्त्र, और सामाजिक जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई है।

संरचना और प्रमुख विषय-वस्तु

मत्स्य पुराण को दो भागों में विभाजित किया जाता है:

 भाग 1 (Part 1)

  1. सृष्टि और प्रलय का वर्णन

    • ब्रह्मांड की उत्पत्ति, ब्रह्मा, विष्णु, और शिव की महिमा।
    • मन्वंतर (विभिन्न युगों) और प्रलय की कथा।
    • राजा सत्यव्रत और भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा।
  2. राजाओं और वंशों का इतिहास

    • सूर्यवंश और चंद्रवंश के महान राजाओं की सूची।
    • राजा पृथु, राजा हरिश्चंद्र, और राजा भरत की कथाएँ।
  3. तीर्थयात्रा और पुण्य स्थलों का महत्व

    • गंगा, यमुना, कुरुक्षेत्र, प्रयाग, काशी, और अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों का वर्णन।
    • तीर्थयात्रा के नियम और उससे प्राप्त होने वाले पुण्य।
  4. यज्ञ, दान और धार्मिक अनुष्ठान

    • विभिन्न प्रकार के यज्ञों का महत्व।
    • दान की महिमा और उसका फल।

 भाग 2 (Part 2)

  1. वास्तुशास्त्र और मंदिर निर्माण

    • मंदिरों और मूर्तियों के निर्माण के नियम।
    • नगर नियोजन, भवन निर्माण, और मूर्ति विज्ञान का विस्तृत विवरण।
  2. धार्मिक व्रत और पर्व

    • शिवरात्रि, एकादशी, नवरात्रि, और अन्य व्रतों की कथा एवं महत्व।
    • सूर्य, शिव, विष्णु, और देवी की पूजा-विधियाँ।
  3. नारक (नरक) और मोक्ष का वर्णन

    • मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा।
    • पाप और पुण्य के प्रभाव, कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांत।
    • नरकों के प्रकार और वहाँ मिलने वाले दंड।
  4. अध्यात्म और नीतिशास्त्र

    • राजधर्म, गुरु-शिष्य परंपरा, स्त्री धर्म, और पारिवारिक मूल्यों का वर्णन।
    • दया, सत्य, परोपकार, और अहिंसा के महत्व पर प्रकाश।

मत्स्य पुराण का महत्व

  • धार्मिक: इसमें पूजा-पद्धति, व्रत, और भक्ति से जुड़ी जानकारी मिलती है।
  • ऐतिहासिक: कई राजवंशों और पुरानी सभ्यताओं के संदर्भ इसमें हैं।
  • वास्तुकला: प्राचीन भारतीय मंदिर निर्माण और शिल्पकला का विस्तृत विवरण।
  • नीतिशास्त्र: जीवन जीने की सही दिशा और नैतिक मूल्यों की शिक्षा।

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