Bhavishya Puran/भविष्य पुराण
Bhavishya Puran/भविष्य पुराण
Size Of Book/ पुस्तक का साइज : 26.8 MB
Number Of Pages/पृष्ठ संख्या : 448
Category/ श्रेणी : All Books, DHARM / धर्म, hindu, List Of All Ved Puran Books In Hindi PDF | सभी वेदों पुराणों पुस्तकों की सूची हिंदी में पेज
Page Quality/क्वालिटी : Normal
Language/भाषा: Hindi
Contents [hide]
- 1 भविष्य पुराण (Bhavishya Purana)
- 2 संरचना (Structure of Bhavishya Purana)
- 3 मुख्य विशेषताएँ (Key Highlights)
- 4 विवाद और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Controversies and Historical Context)
- 5 इसका आध्यात्मिक महत्व
- 6 क्या आप किसी विशेष अध्याय या भविष्यवाणी के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं?
- 7 Bhavishya Puran/भविष्य पुराण
- 8 भविष्य पुराण में वर्णित इस्लाम
भविष्य पुराण (Bhavishya Purana)
भविष्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है। इसका नाम "भविष्य" (भविष्य = भविष्य की घटनाएँ) के कारण पड़ा, क्योंकि इसमें भविष्य से संबंधित कई भविष्यवाणियाँ, राजवंशों का वर्णन, तथा सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक शिक्षा दी गई है।
संरचना (Structure of Bhavishya Purana)
यह पुराण चार प्रमुख भागों में विभाजित है:
- ब्रह्म पर्व (Brahma Parva) – सृष्टि, ब्रह्मांड, वेदों की महिमा, और धार्मिक विधियों का वर्णन।
- मध्यम पर्व (Madhyama Parva) – विभिन्न राजाओं के इतिहास, नीतिशास्त्र और सामाजिक व्यवस्था का विवरण।
- प्रतिसर्ग पर्व (Pratisarga Parva) – विभिन्न युगों में होने वाली घटनाएँ, राजवंशों की वंशावलियाँ, और भविष्यवाणियाँ।
- उत्तर पर्व (Uttara Parva) – विभिन्न त्योहारों, व्रतों, पूजा-विधियों और धार्मिक आचारों का उल्लेख।
मुख्य विशेषताएँ (Key Highlights)
- विभिन्न ऐतिहासिक राजवंशों और उनकी शासन-व्यवस्था का विस्तृत वर्णन।
- हिंदू धर्म के धार्मिक त्योहारों, व्रतों और अनुष्ठानों की जानकारी।
- कुछ विद्वानों के अनुसार, इसमें विभिन्न युगों में आने वाले धर्मों, जैसे कि इस्लाम और ईसाई धर्म, का भी उल्लेख मिलता है।
- राजा विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त, और अन्य ऐतिहासिक शासकों की चर्चा।
- आध्यात्मिक सिद्धांत, योग, और कर्म के सिद्धांतों पर प्रकाश।
विवाद और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Controversies and Historical Context)
- कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पुराण के कुछ हिस्से बाद के समय में जोड़े गए हैं।
- इसमें कई भविष्यवाणियाँ ऐसी हैं, जिन्हें ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता को लेकर विभिन्न मतभेद हैं।
इसका आध्यात्मिक महत्व
भविष्य पुराण न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और समाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह वेदों की शिक्षाओं को विस्तृत रूप से प्रस्तुत करता है और हिंदू धर्म के अनुयायियों को नैतिकता और धर्म का मार्ग दिखाता है।